योग का अर्थ है - जोड़ना मेल-जोल

योग और योगासन

योग का अर्थ है - जोड़ना मेल-जोल

योग से योगी बने जो अपनी आत्मा को परमात्मा से जोड़ते थे जिनका मुख्य आदेश था सब लोगों को आपस में जोड़ना और ईश्वर की उपासना करना संसार की बुराई से दूर रखना तथा सच बोलना इससे दूसरे शब्दों में भक्ति योग कहा गया यही लोग योगी थे जो अपनी उपासना से सिद्धि भी कहलाये उन्होंने सदा मानवता का प्रचार किया उन्होंने विश्व को यही संदेश दिया कि मानव तो एक ईश्वर की संतान है पूरी मानवता प्रेम के धागे में बंधी हुई है जो भी कोई इंसान दूसरे इंसान को दुख देता है वह समझो ईश्वर के साथ धोखा करता है हर आत्मा में परमात्मा बसा हुआ है किंतु उसे देखने के लिए साधना की आवश्यकता है साधना इसी योग का दूसरा नाम है जो लोग योग करते हैं वही सच्चे प्रभु भक्त हैं|


जो लोग योग से दूर चले गए हैं |  मन के रोगी ,विचारों के रोगी आदमी को कभी शांति नहीं मिलती | शांति प्राप्त करने का एकमात्र उपाय भक्ति योग है |हमारे ऋषि मुनि जंगलों में क्यों जाते थे ?केवल मन की शांति के लिए आज हम जंगलों में तो जा नहीं सकते, फिर शांति कैसे प्राप्त करेंगे ?यह एक ऐसा प्रश्न है जिसे हजारों लोग पूछते हैं|


इसका उत्तर में देना चाहता हूं अगर आप ही शांति अपने जीवन में चाहते हैं तो योग और योगासना द्वारा उनके मन में शांति मिल सकती है मेरी यह हार्दिक इच्छा है कि आप मेरे बताए गए बातों को अपनाएंगे तो आपको पूर्ण शांति मिलेगी और सदा स्वस्थ रहकर लंबी आयु प्राप्त करेंगे|


योग ज्ञान




हमारे प्राचीन धर्म ग्रंथों के अनुसार योग के आठ अंग माने गए हैं जो इस प्रकार है|
1. यम
2 नियम
3 आसन
4 प्राणायाम
5 प्रव्याहार
6.धारणा
7 ध्यान

8 समाधि

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